प्यार भी एक तरह का कारोबार है
कभी भी अप्रत्यासित मुनाफा या नुकसान
का सामना होता इसमें हर बार है।
कभी तो बिन मांगे प्रेम की होती है बरसात
तो कभी हृदय का आखिरी बूँद भी होता बेज़ार है।
जो टूट कर बिखर जाये या हो बेजान,
सबका मूल कारण बस गुस्ताख प्यार है।
Anupam Mishra
Your words about love are illustrious
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