कब तक भागेगा रे बंदे तू?
रास्ते भले ही कभी खत्म न हो
पर तेरी साँसे तो रूक जायेंगी,
किसी भी मोड़ पर साथ छोड़ जायेंगी;
क्या बटोड़ने चला है आज तू?
बता कब तक संभाल रखेगा उसे तू?
तू तो कुछ पल बाद पंच तत्वों में घुल जायेगा
बता फिर अपनी अमानत कहाँ छोड़ता जायेगा?
©अनुपम मिश्र
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